Espionage Stories: Operation Thunderbolt Full Story In Hindi

Espionage Stories: Operation Thunderbolt Full Story In Hindi

नमस्कार दोस्तो जय मा भारती, आज की एस्पिनाज स्टोरीज़ में हम बात करेंगे दुनिया के इतिहास के सबसे दबंग और ओवर ध टॉप होस्टेज रेस्क्यू आपरेशन के बारेमे.इस आपरेशन की कहानी इतनी ज्यादा रोचक और थ्रिलिंग है की मानो इसकी स्क्रिप्ट क्रिस्टोफर नोलन या क्विंटन टेरेंटीनो जैसे किसी डायरेक्टर ने लिखी हो.में बात कर रहा हु इस्राएल द्वारा यूगांडा में किये गए आपरेशन थुन्दरबोल्ड की.


27 जुलाई,1976 को ऐर फ्रान्स की फ्लाइट A300 तेल-अवीव से पेरिस के लिए रवाना होती है.रास्ते में ग्रीस के एथिन शहर रुकती है जहा इसमें 56 और यात्री चढ़ जाते है.रात के 12 बजे 20 मिनिट पर ये फ्लाइट एथिन से टेकऑफ करती है और ठीक 15 मिनिट बाद यानी 12 बजकर 35 मिनिट पर चार आतंकवादी इस फ्लाइट को हाईजेक कर लेते है.इस फ्लाइट में टोटल 246 पैसेंजर बैठे हुए थे जिसमे 105 इस्राईल थे और 12 क्रू मेंबर थे.

जब आसमान में ये घमासान चल रहा था उस वक्त ज़मीन पर इस्राएल के प्राइम मिनिस्टर और और डिफेंस मिनिस्टर जेरूसलम में एक मीटिंग कर रहे थे.वहां एक आदमी आता है और प्राइम मिनिस्टर को एक कागज़ का टुकड़ा देता है.प्राइम मिनिस्टर उस कगजमे जो लिखा हुआ है वो पढ़ते है और थोड़ा से घबरा जाते है और अपना चश्मा उतार के कहते है मीटिंग केंसल.तुरंत प्राइम मिनिस्टर अपनें मिनिस्टर और सिंनिर ऑफिशल्स के साथ एक इमरजंसी मीटिंग बुला लेते है.मोसाद की इंटेलिजेंस के मुताबिक चार आतंकवादियो में से दो जर्मन थे.ये दोनो ही नकली पासपोर्ट पर ग्रीस के एथिन शहर से चढे थे.एक आतंकवादी का नाम था विलियम बोस जो पॉपुलर फ्रून्ट फ़ॉर लिब्रेशन ऑफ पेलेस्टाइन(PFLP) का कमांडर था.दूसरा आतंकवादी का नाम ब्रिचड़ कलमेंन जो बडेर मिनॉफ नामक जर्मन आतंकवादी गिरोह की जानीमानी मेंबर थी.बाकी के दो आतंकवादी इकॉनमिक क्लास में यात्रा कर रहे थे वो दोनो ही पेलेस्टाइन के नागरिक थे.

27 जून कि आधी रात गुजर चुकी थी लेकिन अभी भी के फ्लाइट हवामें ही थी.ऐसा लग रहा था की शायद इस प्लेन को मिडल ईस्ट के किसी देश ले जाने की कोसिस की जा रही है और होता भी ऐसा ही है.इस प्लेन को लीबिया के एक शहर बेनगाजी में लेंड करया जाता है जहा से ये यूगांडा के एंटाबे एयरपोर्ट के लिए निकल जाता है.एंटाबे एयरपोर्ट यूगांडा की राजधानी कम्पला के बाहर स्थित था.

एंटाबे से पहेली खबर के ये आती है की यूगांडा का क्रूर तानाशाह ईदी अमीन आतंकवादीओ को पहले ही रिसीव कर चुका है और अपना खास महेमान भी घोसित कर चुका है.इस्राईल को समझ आ जाता है की फ्लाइट को यूगांडा ले जाना कोई आफ्टर थॉट नही था बल्कि आतंकवादी और ईदी अमीन की मिलीभगत थी एक प्रिप्लांड सोची समजी साजिश थी.

इस्राएल और यूगांडा के बीच दरार तब आयी थी जब इस्राएल की पूर्व प्राइम मिनिस्टर ने यूगांडा को अपने फेंटम जेट्स बेचने से मना कर दिया था.इस बात से नाराज हो कर यूगांडा के प्राइम मिनिस्टर ईदी अमीन ने इस्राएल से अपने सारे डिप्लोमेटिक रिस्ते तोड़ दिए थे और 1973 में योम के पर युद्ध में इस्राएल के विरुद्ध अपनी सेना को भी भेज था.

और आज इस्राएल से 2400 किलोमीटर दूर सेकड़ो लोगो की जिंदगी इस क्रूर तानाशाह की मुठी में बंद थी.आतंकवादियो को अपने यह शरण और सुरक्षा देने के बाद ईडी अमीन बड़े आराम से अफ्रीकन नेशन कोन्सफ्रन्स को अटेंड करने के निकल जाता है.जैसे जैसे समय बीतता है मोसाद को पता चलता है की एंटाबे एयरपोर्ट पर फ्लाइट के लेंड करने से पहले ही कई और आतंकवादी भी वहां इकठ्ठा हो चुके थे मतलब साफ था की इस हाइजैकिंग में यदि अमीन और यूगांडा भी शामिल थे.

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